14 जनवरी को मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) है। यह तिल-गुड़ और पतंगबाजी का पर्व (fly kites) हैं। यह खुशियों का भी पर्व है, अभी भी सभी पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा हैं, ऐसे समय में मकर संक्रांति मनाते समय हमें अपना, परिवार वालों तथा आकाश में उड़ रहे पक्षियों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।
पतंग के चक्कर कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं और कई घायल हो जाते हैं। जहां हमें इस समयावधि में कोरोना से बचना हैं, वहीं सबकी सुरक्षा का भी पूर्ण ध्यान रखना है। यहां जानिए वे सावधानियां जो हम सभी को अपनाना चाहिए।
ये सावधानियां हैं जरूरी, नजर हटी, दुर्घटना घटी-Kite Precautions:
- अगर आप बाजार में पतंग या मांझा खरीदने जा रहे हैं तो मास्क (Mask) लगाना ना भूलें, सैनिटाइजर (Sanitizer) भी साथ लेकर जाएं।
- पतंग खरीदते समय और पैसे का लेन-देन करते समय हाथों को सैनिटाइज करना ना भूलें।
- जहां तक हो सके पतंग उड़ाने के लिए चाइना डोर का प्रयोग न करें, सूत के मांझे का प्रयोग करें, यह चाइना डोर जितना खतरनाक नहीं होता।
- बल्ब का चूरा, सरस और नीला थोथा मांझा तैयार करने में प्रयोग में ना लें, यह पक्षियों और इंसानों के लिए भी घातक है।
- पतंग उड़ाना शुरू करने से पहले ही हाथों में दस्ताने पहन लें। आंखों में गॉगल अवश्य पहनें, ताकि सूर्य की सीधी किरणें आपकी आंखों को नुकसान न पहुंचा सके। साथ ही फटी पतंग की डंडियों से अपनी आंखों को बचाएं और उन्हें तुरंत ही डस्टबीन में डाल देना ही उचित रहेगा।
- अगर धूप ज्यादा तेज लग रही हो तो पतंग उड़ाना कुछ देर के लिए बंद कर दें, क्योंकि इससे आपको या आपके साथी को चक्कर, सिर दर्द या अन्य कोई शारिरिक परेशानी हो सकती है। यह त्वचा के लिए भी अत्यंत हानिकारक हैं। अत: त्वचा पर अच्छी क्वॉलिटी का सनस्क्रीन लगाकर अपनी सुरक्षा कर सकते हैं।
- अगर आप अपने दोस्तों के घर जाकर पतंगबाजी का मजा लेना चाहते हैं तो अपनी पूरी सुरक्षा के साथ जाएं, यानी अपने साथ दस्ताने, सैनिटाइजर की बॉटल, गॉगल, मास्क ले जाना कतई ना भूलें। साथ ही पतंग उड़ाते समय भी दो गज की दूरी अवश्य ही बनाए रखें।
- पतंग जब आकाश में उड़ान भर रही हो तब मांझा किसी भी पक्षी (Save birds) से टकराने न पाए, इसका खास ध्यान रखें। तीखे मांझे से उनको चोट लग सकती है या उनके हाथ-पैर व गर्दन भी कट सकती है और मृत्यु भी हो सकती है। मकर संक्रांति के दिनों में आकाश में उड़ने वाले पक्षियों के मरने की संख्या बढ़ जाती है और उनके पंख मांझे में उलझ कर कट जाते हैं, जिससे उनको बहुत कष्ट होता है।
- अगर मांझा किसी ओर ने पकड़ रखा हो तो, उनमें और पतंग उड़ाने वाले में तालमेल बनाए रखें, वर्ना हाथ, पैर कट सकते हैं या अन्य किसी जगह चोट लग सकती है।
- पतंग अगर घर की छत पर उड़ा रहे हैं तो इस समय मुंडेर का विशेष ध्यान रखें। आकाश में पतंग पर ध्यान होने से प्रतिवर्ष सैकड़ों बच्चे संक्रांति पर छत से गिर कर अपनी जान गंवा देते हैं। अत: सुरक्षित जगहों पर खड़े होकर ही पतंग उड़ाएं। कोरोना समय में अगर खुले मैदान में जाकर पतंग उड़ाना संभव नहीं है अत: घर की छत पर ही पूर्ण तरह से सुरक्षित रहते हुए पतंगबाजी का आनंद लें।
- पतंग कहीं अटक जाने पर ज्यादा जोर से न खींचे, इससे किसी को नुकसान पहुंच सकता है, खास कर बिजली के तारों का भी विशेष ध्यान रखें।
- घर को छोटे-छोटे और प्यारे-प्यारे बच्चों को मांझे से दूर ही रखें और पतंग उड़ाते समय उनका विशेष ध्यान रखना उचित रहेगा।
- अगर घर पर ही मांझा तैयार कर रहे हैं तो सड़क पर खड़े होकर यह कार्य ना करें, इससे किसी भी दुपहिया वाहन सवार की जान खतरे में पड़ सकती है। खासकर पतंग पकड़ने के लिए सड़क पर ना निकलें। आपकी इस हरकत से दुर्घटना की प्रबल संभावना होती है। विशेष तौर पर शाम के समय तो अधिक ही संभलकर रहे, क्योंकि इस समय सड़कों पर वाहनों की भीड़ बहुत ज्यादा होती हैं जो कई लोगों की जान को खतरे में डाल सकती है।
- अगर पतंग उड़ाते समय कहीं कोई शारिरीक हानि पहुंचती हैं तो फौरन डॉक्टर (Doctor Advise) से संपर्क करना ना भूलें। अपना ध्यान रखें और सुरक्षित होकर पतंग उड़ाएं। अगर थोड़ा-सा कहीं कटा है तो हल्दी का लेप लगाकर भी घर का इलाज किया जा सकता है।
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